Wednesday, March 22, 2023

 

सदा डालरों के पते खोजता है,

हमारे लिए वो कहाँ सोचता है|

 

उसे फिक्र है आसमानी जहाँ की,

ठगों को न कोई कभी टोकता है|

 

कहा जा रहा है उसे ईश जैसा,

मगर देखता वो न इसमें खता है|

 

उसे मान लेना कि है राजनेता 

नहीं वो करे कार्य जो बोलता है|

 

तुका जो बजाते नहीं हैं नगाड़े,

प्रशासन उन्हें तो नहीं पूछता है|