एक प्यास हेतु प्यासा गीत :-
आँखों की प्यास,कानों की प्यास|
तृप्त हो सकी न अधरों की प्यास||
प्यास तो आखिर प्यास है प्यास ...
जीवन भरा आँगन मिला,पावन भवन सुहावन मिला,
गोदी लिए माँ ने कहा,लोचन लुभावन लालन मिला|
रोने की प्यास, सोने की प्यास,
होती थी तब न खोने की प्यास|
आँखों की प्यास,..
ज्योंही हुए सीधे खड़े,रह न सके वहीँ गिर पड़े,
ओंओं सुना त्योंही सभी,गुस्से भरे कुछ-कुछ लड़े|
दादा की प्यास,दादी की प्यास,
नाना जी और नानी की प्यास|
आँखों की प्यास,...
चलने लगे ढलने लगे,सजने लगे नचने लगे,
आने लगे जाने लगे घर बाहर निकलने लगे|
फूलों की प्यास,झूलों की प्यास,
रहते थी खूब झूलों की प्यास|
आँखों की प्यास,...
इसने कहा उसने कहा,इनको सहा उनको सहा,
चलता रहा गलता रहा,नित्य प्रपात समान बहा|
खेलों की प्यास,मेलों की प्यास ,
फिर विद्द्या हेतु,जेलों की प्यास|
आँखों की प्यास,...
सपने दिखे नपने दिखे,अपनों में न अपने दिखे,
जो भी दिखे खपने दिखे,सच के हेतु ढपने दिखे|
जीने की प्यास सीने की प्यास,
प्यासी की आज प्यासी है प्यास|
आँखों की प्यास,...
इनके लिए उनके लिए,हम जी रहे उपवन के लिए,
कविता यही कहती सदा,जी भर जिओ जन-मन के लिए|
यादों की प्यास वादों की प्यास,
कैसे हो पूर्ण म्यादों की प्यास |
आँखों की प्यास,कानों की प्यास,
तृप्त हो सकी न अधरों की प्यास||
प्यास तो आखिर प्यास है प्यास...
आँखों की प्यास,कानों की प्यास|
तृप्त हो सकी न अधरों की प्यास||
प्यास तो आखिर प्यास है प्यास ...
जीवन भरा आँगन मिला,पावन भवन सुहावन मिला,
गोदी लिए माँ ने कहा,लोचन लुभावन लालन मिला|
रोने की प्यास, सोने की प्यास,
होती थी तब न खोने की प्यास|
आँखों की प्यास,..
ज्योंही हुए सीधे खड़े,रह न सके वहीँ गिर पड़े,
ओंओं सुना त्योंही सभी,गुस्से भरे कुछ-कुछ लड़े|
दादा की प्यास,दादी की प्यास,
नाना जी और नानी की प्यास|
आँखों की प्यास,...
चलने लगे ढलने लगे,सजने लगे नचने लगे,
आने लगे जाने लगे घर बाहर निकलने लगे|
फूलों की प्यास,झूलों की प्यास,
रहते थी खूब झूलों की प्यास|
आँखों की प्यास,...
इसने कहा उसने कहा,इनको सहा उनको सहा,
चलता रहा गलता रहा,नित्य प्रपात समान बहा|
खेलों की प्यास,मेलों की प्यास ,
फिर विद्द्या हेतु,जेलों की प्यास|
आँखों की प्यास,...
सपने दिखे नपने दिखे,अपनों में न अपने दिखे,
जो भी दिखे खपने दिखे,सच के हेतु ढपने दिखे|
जीने की प्यास सीने की प्यास,
प्यासी की आज प्यासी है प्यास|
आँखों की प्यास,...
इनके लिए उनके लिए,हम जी रहे उपवन के लिए,
कविता यही कहती सदा,जी भर जिओ जन-मन के लिए|
यादों की प्यास वादों की प्यास,
कैसे हो पूर्ण म्यादों की प्यास |
आँखों की प्यास,कानों की प्यास,
तृप्त हो सकी न अधरों की प्यास||
प्यास तो आखिर प्यास है प्यास...