Tuesday, November 13, 2012


दीपमालिका के स्वागत में,नभ ने मोती वारे हैं|
जग-मग,जग-मग दीपक जलते,लगते शुभ्र सितारे हैं||

समरसता सहकार शील का,वातावरण सुहाना है|
दसों-दिशाओं में सद्भावी,गुंजित मोहक गाना है||
फुलझड़ियों की चमक-दमक से,शोभित सब गलियारे हैं|
जग-मग,जग-मग दीपक जलते, लगते शुभ्र सितारे हैं||

अमा निशा पर विजय पताका,दीपों ने फहरायी है|
युवक युवतियाँ बालक बृद्धों,पर उमड़ी तरुणायी है||
दीपों के अविरल प्रकाश से,ज्योतिर्मय घर-द्वारे हैं|
जग-मग,जग-मग दीपक जलते,लगते शुभ्र सितारे हैं||

हर्षित मन से सभी दे रहे,सबको पर्व बधाई भी|
भेज रहे हैं एक दूसरे,हेतु विशेष मिठाई भी||
खील बताशे सजे खिलौने, दिखते सरस दुलारे हैं |
जग-मग,जग-मग दीपक जलते,लगते शुभ्र सितारे हैं||

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