सत्ता के तो आगे- पीछे चलने वाले अच्छे हैं।
सच्चों को जो रौंद रहे वे दिल के काले अच्छे हैं।
सच्चों को जो रौंद रहे वे दिल के काले अच्छे हैं।
मदहोशी का आलम देखो भला नहीं पीयूष लगे,
प्राण पखेरू जो हरते वे विष के प्याले अच्छे है।
प्राण पखेरू जो हरते वे विष के प्याले अच्छे है।
ज्ञान रौशनी बाँट रहे जो उन्हें जेल में भेजो तो,
विद्यालय के दरवाज़ों पर लटके ताले अच्छे हैं।
विद्यालय के दरवाज़ों पर लटके ताले अच्छे हैं।
सदसुमनों की बातें करते हँसते और हँसाते जो,
उनको तो मिलती दुतकारें लगते भाले अच्छे है|
उनको तो मिलती दुतकारें लगते भाले अच्छे है|
जो परमार्थ किया करते हैं वे निज दर्द नहीं कहते,
गर्म धूल पर चलकर मिलते लगते छाले अच्छे हैं|
गर्म धूल पर चलकर मिलते लगते छाले अच्छे हैं|
होली का माहौल छा रहा अब मनमानी हो सकती,
विरोधियों का करो सफाया साली साले अच्छे हैं|
विरोधियों का करो सफाया साली साले अच्छे हैं|
गूँज रहा है शोर सफ़ाई तुका देश के कोनों में,
पर सरकारी दफ़्तर में तो लगते जाले अच्छे हैं।
पर सरकारी दफ़्तर में तो लगते जाले अच्छे हैं।