जीवन गीत सुनाता चल,
शब्द सुगंध लुटाता चल|
शब्द सुगंध लुटाता चल|
नफ़रत वाली गलियों में,
स्नेहल दीप जलाता चल|
स्नेहल दीप जलाता चल|
जो सच को धमकाते हैं,
उनको भी अपनाता चल|
उनको भी अपनाता चल|
कोई भी अरि नहीं यहाँ,
सबसे हाथ मिलाता चल|
सबसे हाथ मिलाता चल|
सन्त तुका जैसा तू भी,
तारा एक बजाता चल||
तारा एक बजाता चल||
No comments:
Post a Comment