हम
भूख मिटायेंगे, विश्वास
जगायेंगे|
परित्याग अर्चना से, संसार सजायेंगे||
परित्याग अर्चना से, संसार सजायेंगे||
संकल्प
हमारा है,
परहित में जीने का,
अमृत की बात नहीं, विष प्याले पीने का|
सेवापथ पर चलके, सहकार बढ़ायेंगे|
परित्याग अर्चना से, संसार सजायेंगे||
अमृत की बात नहीं, विष प्याले पीने का|
सेवापथ पर चलके, सहकार बढ़ायेंगे|
परित्याग अर्चना से, संसार सजायेंगे||
जो
भूखे-प्यासे हैं, बोझों
के मारे हैं,
वे सब सच्चे बच्चे, परमेश दुलारे हैं|
उन सबकी खुशियों में, सद्सुमन खिलायेंगे|
परित्याग अर्चना से, संसार सजायेंगे||
अब निकल पड़े घर से, सन्यासी -सा मानो,वे सब सच्चे बच्चे, परमेश दुलारे हैं|
उन सबकी खुशियों में, सद्सुमन खिलायेंगे|
परित्याग अर्चना से, संसार सजायेंगे||
धन-दौलत छोड़ चुके, तन दान दिया जानो|
जीवन पोषक जल की, रसधार बहायेंगे|
परित्याग अर्चना से, संसार सजायेंगे||
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