Monday, June 12, 2023

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जीवन में जिसने जिया, जितना मधुमय प्यार।
उसने उतना ही रचा, मधुर सरस संसार॥7849
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Raghuvinder Yadav, Kaushalendra Kishor Chaturvedi and 4 others
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बात ही बात में वह बहक जाएगा,
आग जैसा अचानक दहक जाएगा।
स्वर्ण चाँदी खनिज तेल पेट्रोल भी-
सेठ का पेट तो सब गटक जाएगा।
माल जिस ओर से मिल सकेगा उसे-
वो उधर बानरों सा लपक जाएगा।
उस दग़ाबाज़ पर क्या भरोसा करें-
क्या पता वो किधर को ख़सक जाएगा?
छेड़ना मत कभी जंगली साँड़ को-
क्या पता किस समय वो बमक जाएगा?
ढोल की भाँति फूला हुआ पेट तो-
इस चुनावी समर में पचक जाएगा।
चोट मत मारिए फिर जुड़ेगा नहीं-
बाल भर भी मुकुर जो दरक जाएगा।
फूल है वो सड़ेगा गलेगा तुका-
और फिर इत्र जैसा महक जाएगा।
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Bakulesh Jain

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