जहाँ चेतना मुक्त अभियान में है,
वहाँ शक्ति का स्रोत इंसान में है|
वहाँ शक्ति का स्रोत इंसान में है|
सफलता सफलता रटे जा रहे हो,
मगर सार्थकता नहीं ध्यान में है|
मगर सार्थकता नहीं ध्यान में है|
यही है गवाही भले आदमी की,
अनय का समावेश शैतान में है|
अनय का समावेश शैतान में है|
बहेगी सरस प्रेरणा हर तरफ ही,
अगर प्राणपोषक पवन प्राण में है|
अगर प्राणपोषक पवन प्राण में है|
वही ज़िन्दगी तो बनेगी विजेता,
रहा स्वार्थ जिसके न अरमान में है|
रहा स्वार्थ जिसके न अरमान में है|
इसे याद रखना तुका ज़िन्दगी में,
नहीं अन्ध विश्वास विज्ञान में है|
नहीं अन्ध विश्वास विज्ञान में है|
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