Saturday, July 30, 2011

आप भी जानते |


काश ये दुर्दशा आप भी जानते?
क्यों चढ़ा है नशा आप भी जानते?
कौन है चोर पापी लुटेरा यहाँ ,
कौन है पारसा आप भी जानते ?
लोक के राज्य में लोग भूखे मरें,
पाप ये पाप-सा आप भी जानते |
धर्म शमसीर से जो हुए अधमरे
मित्र! उनकी दशा आप भी जानते|
भौतिकी-रौशनी से भरा दिन 'तुका',
क्यों हुआ रात-सा आप भी जानते |

Friday, July 29, 2011

फ़लसफ़ा दें |

चलो ज़िंदगी को मोहब्बत बना दें |
पयामे सदाकत सभी को बता दें ||
जहाँ नफ़रतों के खुले हैं ठिकाने,
वहाँ न्याय की बस्तियों को बसा दें|
जहाँ में अँधेरा कहीं रह न पाये ,
नयी रौशनी के दिये जगमगा दें |
मुनासिब नहीं आज ख़ामोश रहना,
शराफ़त बढ़ाता हुआ  फ़लसफ़ा दें | 
'तुका' सूरतों से अधिक सीरतों को
कहे जो ज़रूरी चलन वह चला दें |

Thursday, July 28, 2011

विद्यामंदिर में जाना है, जीवन लक्ष्य मुझे पाना है |
बीत चुकी है रात अँधेरी, मम्मी जगो  करो मत देरी ,
देरी हो जाने के कारण ,बहुत हँसी होती है मेरी |
एक पराठा शीघ्र बना दो, अधिक नहीं मुझको खाना है |
इम्तिहान है आज हमारा, हिंदी का पेपर है प्यारा ,
पहला नम्बर में लाऊँगी,दुहरा लिया पथ है सारा |
जय हिंदी मैं सदा कहूँगी, हिंदी के सद्गुण  गाना है |
ख़ूब पढूंगी-ख़ूब पढूंगी,निश्चय मैं शिक्षिका बनूँगी ,
अपनी  शिष्याओं कारण ,मैं दुनिया भर में चमकूंगी|
पढ़ने का प्रतिफल क्या होता, इसको मैंने पहचाना है |
जीवन लक्ष्य मुझे पाना है, विद्द्यामंदिर  में जाना है ||

क्या उपाय किया


चारों और घूम रहे जाति-धर्म के गिरोह ,
साथ किसे लिया जाय आप ही बताइये?
चालबाज जालसाज राजकाज के अधीन,
बंधु! कैसे जिया जाय आप ही बताइये ?
अर्थ के प्रहार झेल टूट रहे परिवार ,
दोष किसे दिया जाय आप ही बताइये ?
झूठ का प्रचार देख-देख नहीं आती नींद,
क्या उपाय किया जाय आप ही बताइये?

Wednesday, July 27, 2011

प्यार व्यवहार बताता हूँ ||


सुनो अनुभूति सुनाता हूँ , प्यार व्यवहार बताता हूँ |
प्यार की शब्द रहित वाणी, प्यार की प्रतिभा कल्याणी,
प्यार को अपना लगता है, जगत जीवन का हर प्राणी |
प्यार से गलियों-गलियों में, प्यार का रस बरसाता हूँ |
                                         प्यार व्यवहार बताता हूँ ||
प्यार सहकार बढ़ाता है ,प्यार उपहार लुटाता है ,
प्यार का बसर नांव अपनी,आप ही खेता जाता है |
प्यार से  भरी ज़िंदगी मैं , हमेशा  जीता - गाता  हूँ |
                                      प्यार व्यवहार बताता हूँ||
प्यार ने अस्त्र  नहीं धारे, प्यार से बड़े-बड़े हारे ,
प्यार के कारण दुनिया में, खुल गये सभी बंद द्वारे|
प्यार जन-जन में बटता है, प्यार की फ़स्ल उगाता हूँ|
                                       प्यार व्यवहार बताता हूँ||

हम किसको गीत सुनायें|

हम किसको गीत सुनायें|
किस-किस के धक्के, किस-किस को दर्द बतायें||
इस महाछली दुनियां में, हम किसको गीत सुनायें|
थल को कर डाला काला ,
जल ऊपर डांका डाला ,
नभ पर भी चाह रहे हैं --
फैलाना दूषित ज्वाला |       
अब कहाँ गरीबे जायें, कैसे साँसे ले पायें|
हर भाँति मुक्त अपराधी, 
प्रभुता न किसी ने साधी ,
जिन पर दायित्व वही  तो -
कह  रहे बात हैं आधी |
इन विपदा के मारों को , कैसे इन्साफ दिलायें|  
इस महाछली दुनियां में, हम किसको गीत सुनायें|

Tuesday, July 26, 2011

मानवीयत के गुणों पर


जिन्स जो भरपूर हैं उनका बढ़ा आयत है |
और जिनकी है कमी उनका खुला निर्यात है ||
मानवियत के गुणों पर हो रहा आघात है ,
जातियों के संगठन हैं जातियों की बात है |
राजनैतिक क्षेत्र की पहचान कुछ ऐसी हुई ,
हाजमा जितना बढ़ा उतनी बढ़ी औकात है |
क्या कहें इस दौर के इंसान से जीवन कथा,     मानवीयत के गुणों पर
लक्ष्य भी उनको न अपनी ज़िंदगी का ज्ञात है|
ज़िंदगी भर भी 'तुका' इस तथ्य को मत भूलना,
आदमी की सिर्फ होती आदमीयत जात है |