Wednesday, July 27, 2011

हम किसको गीत सुनायें|

हम किसको गीत सुनायें|
किस-किस के धक्के, किस-किस को दर्द बतायें||
इस महाछली दुनियां में, हम किसको गीत सुनायें|
थल को कर डाला काला ,
जल ऊपर डांका डाला ,
नभ पर भी चाह रहे हैं --
फैलाना दूषित ज्वाला |       
अब कहाँ गरीबे जायें, कैसे साँसे ले पायें|
हर भाँति मुक्त अपराधी, 
प्रभुता न किसी ने साधी ,
जिन पर दायित्व वही  तो -
कह  रहे बात हैं आधी |
इन विपदा के मारों को , कैसे इन्साफ दिलायें|  
इस महाछली दुनियां में, हम किसको गीत सुनायें|

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