पैर ऐसा कौन जो हारा नहीं ?
ज़िन्दगी की मार का मारा नहीं |
मूल्य क्या उस ठौर का जिस ठांव से,
बह रही सहकार की धारा नहीं |
फूल की जो नित्य रक्षा में लगा ,
शूल क्यों वह लग रहा प्यारा नहीं?
कर्म की करिये उपेक्षा मत 'तुका',
मुक्ति बस विश्वास के द्वारा नहीं |
ज़िन्दगी की मार का मारा नहीं |
मूल्य क्या उस ठौर का जिस ठांव से,
बह रही सहकार की धारा नहीं |
फूल की जो नित्य रक्षा में लगा ,
शूल क्यों वह लग रहा प्यारा नहीं?
कर्म की करिये उपेक्षा मत 'तुका',
मुक्ति बस विश्वास के द्वारा नहीं |
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