Tuesday, July 26, 2011

मानवीयत के गुणों पर


जिन्स जो भरपूर हैं उनका बढ़ा आयत है |
और जिनकी है कमी उनका खुला निर्यात है ||
मानवियत के गुणों पर हो रहा आघात है ,
जातियों के संगठन हैं जातियों की बात है |
राजनैतिक क्षेत्र की पहचान कुछ ऐसी हुई ,
हाजमा जितना बढ़ा उतनी बढ़ी औकात है |
क्या कहें इस दौर के इंसान से जीवन कथा,     मानवीयत के गुणों पर
लक्ष्य भी उनको न अपनी ज़िंदगी का ज्ञात है|
ज़िंदगी भर भी 'तुका' इस तथ्य को मत भूलना,
आदमी की सिर्फ होती आदमीयत जात है |

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