जिन्स जो भरपूर हैं उनका बढ़ा आयत है |
और जिनकी है कमी उनका खुला निर्यात है ||
मानवियत के गुणों पर हो रहा आघात है ,
जातियों के संगठन हैं जातियों की बात है |
राजनैतिक क्षेत्र की पहचान कुछ ऐसी हुई ,
हाजमा जितना बढ़ा उतनी बढ़ी औकात है |
क्या कहें इस दौर के इंसान से जीवन कथा, मानवीयत के गुणों पर
लक्ष्य भी उनको न अपनी ज़िंदगी का ज्ञात है|ज़िंदगी भर भी 'तुका' इस तथ्य को मत भूलना,
आदमी की सिर्फ होती आदमीयत जात है |
No comments:
Post a Comment