Friday, March 7, 2014

उज्ज्वल तन की ह्रदय मलिनता

राजनीति में छिपी कुटिलता दुनिया ने देखी|
उज्ज्वल तन की ह्रदय मलिनता दुनिया ने देखी||

जोड़- गाँठ से बड़ी कुर्सियाँ जो छीने उनकी,
गाँव-नगर में व्याप्त पतितता दुनिया ने देखी|

शक्तिवान को और और जो दुर्बल को मिलती,
न्याय-नीति में वही विविधता दुनिया ने देखी|

संत भाँति बेदाग़ लबादे जो लादें उनकी,
चतुराई से जनित अधमता दुनिया ने देखी|

हाड़ तोड़ श्रम करें 'तुका' जो तरसें रोटी को ,
उन आँखों में भरी सलिलता दुनिया ने देखी |

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