Friday, February 28, 2014

मिली सर्जना शक्ति ...

मिली सर्जना शक्ति ...

जिन्हें चाह थी वे हुए दूर हम से,
मिली सर्जना शक्ति भोगे अलम से|

नहीं खौफ खाये किसी भी वहम से,
सदाचार सीखे प्रकृति के नियम से|

नये दौर की रौशनी देख ली तो, 
शिकायत नहीं रह गई है अदम से|

व्यवस्था जिसे मान पापी रही थी,
जुड़े धर्म के तंतु भी उस अधम से|

उन्हें टोकिये रोकिये जो किसी के,
खरीदें यहाँ वोट काली रकम से| 

जईफी 'तुका' शान से कह रही यूँ ,
नहीं साँस लेना किसी के करम से|

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