Monday, July 13, 2015

ये नजारा आम है

ये नजारा आम है आजाद हिन्दुस्तान में,
दाम करता काम है आज़ाद हिंदुस्तान में|

धर्म के उपदेश देने का असर इतना हुआ,
संत भी बदनाम है आज़ाद हिन्दुस्तान में|

रौशनी धन शक्तियों के गेह में पसरी कहे,
स्वर्ण जैसी शाम है आज़ाद हिन्दुस्तान में|

 लोग ऐसा कह रहे सुन लीजिए श्रीमान जी,
एक ही गुलफाम है आज़ाद हिन्दुस्तान में|

सोचिये हर क्षेत्र में आई गिरावट क्यों तुका,
स्वार्थ का संग्राम है आज़ाद हिन्दुस्तान में|

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