Monday, May 1, 2017

प्यार बहुत था उनके मन में

प्यार बहुत था उनके मन में, धन-वैभव थोड़ा था|
बिछुड़ गये वे लोग जिन्होंने, हम सबको जोड़ा था||
देश धर्म का ज्ञान उन्हें था, मानवता का भान उन्हें था|
परहितार्थ जीवन शैली थी, जनमन में सम्मान उन्हें था||
निर्भय होकर के स्वतंत्रता, हेतु सहा कोड़ा था|
बिछुड़ गये वे लोग जिन्होंने, हम सबको जोड़ा था||

सच्चाई था उनका गाना, स्वाभिमान का स्वर अपनाना|
आज़ादी के लिए जरूरी, मार्ग अहिंसक दिल से माना||
गोरी सत्ता का बारूदी, घेरा तक तोड़ा था|
बिछुड़ गये वे लोग जिन्होंने, हम सबको जोड़ा था||
नवभारत की नई कहानी, मिलकर लिखी न की शैतानी|
सबकी सुनी धारणा समझी, किये नहीं किंचित मनमानी||
वैज्ञानिक चिन्तन के बल से, प्रगति ओर मोड़ा था|
बिछुड़ गये वे लोग जिन्होंने, हम सबको जोड़ा था||

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