Friday, November 19, 2010

धूर्त का

भूभल ऊपर जिनके तलवे किंचित नहीं जले, 
दुर्गम पथ पर शूल न आये जिनके पांव तले,
वे  जीवन की     सच्चाई  को   कैसे   जानेंगे -
जिनके  हाथ-पैर  पानी  में  रहकर  नहीं   गले,|

धूर्त  का हर हाल    में प्रतिरोध  होना चाहिए ,
धर्म के परिक्षेत्र का भी बोध होना चाहिए,
शांति तो अनिवार्य है इंसानियत  के मार्ग में-
 किन्तु चोरों के कृतों पर क्रोध होना चाहिए|

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