Saturday, January 21, 2012

एक गौरैया,
रात भर जगती ,
सबसे  यही कहती ,
आप अपना रुख बदलिए
लोक  पथ  के साथ चलिए।

भूत का अनुभव तुम्हारा,
आधुनिक संबल  सहारा,
सत्य है नव सर्जना से-
कल सरस होगा हमारा।
रूढ़िगृह  से प्रिय  निकलिए,
लोक  पथ के साथ चलिए।।

लोकशाही  ने पुकारा,
है चुनावी दौर प्यारा ,
वोट की जन शक्ति से तो-
राजशाही ताज हारा।
दूर करिए छलिये बलिये,
न्याय पथ के साथ चलिए।।

राष्ट्र नायक आप ही हैं,
नय विधायक आप ही हैं  
युग प्रवर्तक गीत को भी-
लय प्रदायक आप ही हैं।
वोट देने से  न टलिए ,
लोक  पथ के साथ चलिए।। 

 
 

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