एक गौरैया,
रात भर जगती ,
सबसे यही कहती ,
आप अपना रुख बदलिएलोक पथ के साथ चलिए।
भूत का अनुभव तुम्हारा,
आधुनिक संबल सहारा,
सत्य है नव सर्जना से-
कल सरस होगा हमारा।
रूढ़िगृह से प्रिय निकलिए,
लोक पथ के साथ चलिए।।
लोकशाही ने पुकारा,
है चुनावी दौर प्यारा ,
वोट की जन शक्ति से तो-
राजशाही ताज हारा।
दूर करिए छलिये बलिये,
न्याय पथ के साथ चलिए।।
राष्ट्र नायक आप ही हैं,
नय विधायक आप ही हैं
युग प्रवर्तक गीत को भी-
लय प्रदायक आप ही हैं।
वोट देने से न टलिए ,
लोक पथ के साथ चलिए।।
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