युग प्रबंधन डोर हो तुम,
प्रिय नहीं कमजोर हो तुम,
यह समय अब पूछता है..
तय करो किस ओर हो तुम|
इस तरफ तो है कमेरे,
उस तरफ लाखों लुटेरे,
नफरतों की आग फैली,
खुद बचाने हैं बसेरे|
तय करो किस ओर हो तुम|
छल वहाँ हैं बल वहाँ है,
दल-दली कौशल वहाँ है,
नय समर्थक शील प्रेमी-
आचरण उज्ज्वल यहाँ है|
तय करो किस ओर हो तुम|
प्रिय नहीं कमजोर हो तुम,
यह समय अब पूछता है..
तय करो किस ओर हो तुम|
इस तरफ तो है कमेरे,
उस तरफ लाखों लुटेरे,
नफरतों की आग फैली,
खुद बचाने हैं बसेरे|
तय करो किस ओर हो तुम|
छल वहाँ हैं बल वहाँ है,
दल-दली कौशल वहाँ है,
नय समर्थक शील प्रेमी-
आचरण उज्ज्वल यहाँ है|
तय करो किस ओर हो तुम|
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