hindi kavita
Saturday, August 13, 2011
लोकतंत्र ने?
लोकतंत्र ने है किया,प्रश्न अभीत अटूट,
कौन यहाँ आज़ाद हैं, कौन रहे हैं लूट ?
कौन रहें हैं लूट ,कहाँ है सबको शिक्षा ?
स्वास्थ्य हीन लाचार,हजारों माँगें भिक्षा,
सोच चरित्र विहीन, बना दी अर्थ-तंत्र ने ;
क्या अनीति के हेतु, छूट दी लोकतंत्र ने?
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