Sunday, August 14, 2011

नया संसार

 शब्द -अर्थ के साधक प्यारे! , करें स्नेह -संचार |
 बनायें एक नया संसार, बनायें एक नया संसार||
               जहाँ  न  प्रभुता  रौब  दिखाये,
               जहाँ  न  पैर  अनीति  जमाये,
               अनुभव सहज व्यक्त करने में-
               भय से भय न  विचारक खाये|
खुले रहें जीवन विकास  के, जहाँ प्रबोधक द्वार |
बनायें एक नया संसार , बनायें एक नया संसार||
               जिसमें कहीं न रहे विषमता ,
               जन जीवन में पसरे ममता ,
               सब सबके हित वर्धक बन के-
               करें प्रमाणित अपनी क्षमता|
मिलते रहें सदैव सभी को,सब अधिकृत अधिकार |
बनायें एक नया संसार , बनायें एक नया संसार||
               सद्विचार से सिचित वाणी ,
               भरे सरस रस हो कल्याणी,
               नित जीवन्त भावनाओं से,
               रहें प्रफुल्लित यूँ सब प्राणी|
एक वृक्ष के पत्तों में ज्यों, रहता  है  सहकार |
बनायें एक नया संसार , बनायें एक नया संसार||



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