शब्द -अर्थ के साधक प्यारे! , करें स्नेह -संचार |
बनायें एक नया संसार, बनायें एक नया संसार||
जहाँ न प्रभुता रौब दिखाये,
जहाँ न पैर अनीति जमाये,
अनुभव सहज व्यक्त करने में-
भय से भय न विचारक खाये|
खुले रहें जीवन विकास के, जहाँ प्रबोधक द्वार |
बनायें एक नया संसार , बनायें एक नया संसार||जिसमें कहीं न रहे विषमता ,
जन जीवन में पसरे ममता ,
सब सबके हित वर्धक बन के-
करें प्रमाणित अपनी क्षमता|
मिलते रहें सदैव सभी को,सब अधिकृत अधिकार |
बनायें एक नया संसार , बनायें एक नया संसार||
सद्विचार से सिचित वाणी ,
भरे सरस रस हो कल्याणी,
नित जीवन्त भावनाओं से,
रहें प्रफुल्लित यूँ सब प्राणी|
एक वृक्ष के पत्तों में ज्यों, रहता है सहकार |
बनायें एक नया संसार , बनायें एक नया संसार||
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