Sunday, August 14, 2011

भ्रष्टाचार

परमेश्वर का विचार कब से है यह कहना असंभव है लेकिन वर्तमान में परमेश्वर के कई पर्याय वाची हैं यथा - प्रभु , ईश्वर, नारायण , स्वामी , आदि और जब यही शब्द प्रभुता ,ऐश्वर्य, स्वामित्व के साथ व्यक्ति से जुड़ते हैं तो अनर्थ होता है क्योंकि इन शब्दों के साथ चढ़ावा जुड़ा हैं जब व्यक्तियों के पास चढ़ावा पहुँचता है तो पहुँचाने वाले को लाभ न पहुँचाने वाले को उपेक्षा आप समझ गए होंगे कि चढ़ावा भ्रष्टाचार का पर्याय है|

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