अपराधी बेख़ौफ़ नगर में नगरी में,
मारे जाते लोग बहुत से तफरी में||
जो होती अनुभूति दरी में कथरी में,
मिलता वो आनंद मिर्च में मिसरी में|
आकर यों हम लोग यहाँ पर बैठे ज्यों,
करते पंच विचार गाँव की बखरी में|
सामाजिकता हेतु जानना ही होगा,
क्यों होता है भेद सलोनी सवरी में?
पंचसितारा होटल के मधुभोजन से,
ज्यादा मिलता तोष तुम्हारी तहरी में|
बीस हजारी शूट पहनने से ज्यादा,
खिल जाता व्यक्तित्व तुका तो सदरी में|
मारे जाते लोग बहुत से तफरी में||
जो होती अनुभूति दरी में कथरी में,
मिलता वो आनंद मिर्च में मिसरी में|
आकर यों हम लोग यहाँ पर बैठे ज्यों,
करते पंच विचार गाँव की बखरी में|
सामाजिकता हेतु जानना ही होगा,
क्यों होता है भेद सलोनी सवरी में?
पंचसितारा होटल के मधुभोजन से,
ज्यादा मिलता तोष तुम्हारी तहरी में|
बीस हजारी शूट पहनने से ज्यादा,
खिल जाता व्यक्तित्व तुका तो सदरी में|
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