Monday, June 17, 2013

अपराधी बेख़ौफ़ नगर में नगरी में,
मारे जाते लोग बहुत से तफरी में||

जो होती अनुभूति दरी में कथरी में,
मिलता वो आनंद मिर्च में मिसरी में|

आकर यों हम लोग यहाँ पर बैठे ज्यों,
करते पंच विचार गाँव की बखरी में|

सामाजिकता हेतु जानना ही होगा,
क्यों होता है भेद सलोनी सवरी में?

पंचसितारा होटल के मधुभोजन से, 
ज्यादा मिलता तोष तुम्हारी तहरी में|

बीस हजारी शूट पहनने से ज्यादा,
खिल जाता व्यक्तित्व तुका तो सदरी में|

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