वे सहस्रों अफसरों के बीच में मारे गये,
और हम तो रहबरों के बीच में मारे गये|
वक्त वो तो दुर्बलों को देखता सुनता न था,
आदमी अब सहचरों के बीच में मारे गये|
आज के माहौल में बदलाव आया देखिये,
रायजादे चाकरों के बीच में मारे गये|
अक्षरों के साधकों को क्या कभी चिंता रही,
भावरूपी सागरों के बीच में मारे गये|
चाहते कैसी सुरक्षा राष्ट्र के नेता 'तुका',
लोह निर्मित परिसरों के बीच में मारे गये|
और हम तो रहबरों के बीच में मारे गये|
वक्त वो तो दुर्बलों को देखता सुनता न था,
आदमी अब सहचरों के बीच में मारे गये|
आज के माहौल में बदलाव आया देखिये,
रायजादे चाकरों के बीच में मारे गये|
अक्षरों के साधकों को क्या कभी चिंता रही,
भावरूपी सागरों के बीच में मारे गये|
चाहते कैसी सुरक्षा राष्ट्र के नेता 'तुका',
लोह निर्मित परिसरों के बीच में मारे गये|
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