Wednesday, May 29, 2013

किया किसी ने सवाल कैसा?
मचा ह्रदय में बवाल कैसा?

सुप्रेरणा की जब याद आयी,
तभी दृगों में बरसात छायी,
लगी सताने अनुभूति पीड़ा --
करीब कैसे फिर खींच लायी?
अधीर आनन प्रबाल कैसा?
मचा ह्रदय में बवाल कैसा?

अजीब हालात रहे हमेशा,
परार्थ प्रेमी युगबोध पेशा, 
सुकर्म पाया पढ़ना पढ़ाना-
लगा इसी में मनप्राण रेशा|
किया कला ने कमाल कैसा?
मचा ह्रदय में बवाल कैसा?

नहीं छिपाये छिपती कहानी,
लड़ी दुखों से डटके जवानी,
स्वभाव क्रोधी पर मित्र कोई -
कही न झूठी अपमान वाणी| 
मिला सुदर्शन विशाल कैसा? 
मचा ह्रदय में बवाल कैसा?

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