न होती बुरी बात वो जो खरी है,
बड़े से बड़ों में जहालत भरी है|
कई निर्धनों की चुने रहनुमा ने,
करा दी अकारण तबीयत हरी है|
मुसीबत मिटाते- मिटाते उन्होंने,
हमारी तुम्हारी मुसीबत करी है|
उन्होंने बनाया उन्हें राजनेता,
बिछाते रहे जो कि उनकी दरी है|
खुशामद बड़े काम आती उसी से ,
मिली रहजनों को यहाँ रहवरी है|
उसी भावना को तुका जी रहा है,
कभी मौत से भी नहीं जो डरी है|
बड़े से बड़ों में जहालत भरी है|
कई निर्धनों की चुने रहनुमा ने,
करा दी अकारण तबीयत हरी है|
मुसीबत मिटाते- मिटाते उन्होंने,
हमारी तुम्हारी मुसीबत करी है|
उन्होंने बनाया उन्हें राजनेता,
बिछाते रहे जो कि उनकी दरी है|
खुशामद बड़े काम आती उसी से ,
मिली रहजनों को यहाँ रहवरी है|
उसी भावना को तुका जी रहा है,
कभी मौत से भी नहीं जो डरी है|
No comments:
Post a Comment