Thursday, January 9, 2014

भला इन्सान....

 

किताबों से सुलभ इंसान को जो ज्ञान होता है,
कभी उसकी बदौलत वो नहीं विद्वान होता है|

किसी से प्यार करना तब नहीं आसान होता है,
वदन बलवान होता जब ह्रदय नादान होता है|

समय के साथ दुनियावी थपेड़ों के प्रहारों की,
सचेतन मार खाने से विरत अज्ञान होता है|

प्रगति प्रेमी बटोही के लिए यह सूत्र जीवन का,
बिना अवरोध क्या कोई सफल अभियान होता है?

जहाँ तक हो सके इसको हमेशा ध्यान में रखिये,
जिसे नैतिक समझ होती न वो धनवान होता है| 

यही अनुभूति जीवन की यही निष्कर्ष चिंतन का, 
प्रखर विद्वान तो बेहद भला इन्सान होता है|

फकीरों की 'तुका' पहचान करने को यही काफी, 
जिसे निष्पृह सभी से प्यार वो गुणवान होता है|

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