Monday, August 15, 2016

स्वतंत्रता धाम।



आज़ादी के दीवानों को, बारम्बार प्रणाम,
दिलाया शुचि स्वतंत्रता धाम।
दिलाया शुचि स्वतंत्रता धाम।।
समता का आधार बनाया,क्षमता का संदेश सुनाया,
संरचना के लिए देश में, ममता का माहौल बढ़ाया।
स्वाभिमान के परवानों का, अमर हमेशा नाम,
दिलाया शुचि स्वतंत्रता धाम।
दिलाया शुचि स्वतंत्रता धाम।।
भारत माँ के सभी दुलारे, कितने प्यारे, कितने न्यारे, 
ज्योतित देश करेंगे ऐसा, जैसे ज्योतित नभ के तारे।
लोकतंत्रीय अभियानों ने, रचे नव्य आयाम,
दिलाया शुचि स्वतंत्रता धाम।
दिलाया शुचि स्वतंत्रता धाम।।
अबतो कोई नहीं पराया, संविधान ने सत्य सिखाया,
पंचशील प्रेमी अनुयायी, हमने सबको गले लगाया।
न्यायनीति के बाग़ानों में, सुमन खिले अभिराम।
दिलाया शुचि स्वतंत्रता धाम।
दिलाया शुचि स्वतंत्रता धाम।।
मानवीय सद्धर्म हमारा, विश्वशांति सद्भावी नारा,
लोकहितैषी जीवन शैली, दूर करेंगे दूषण सारा।
सर्वोदय के सहगानों को, बाँट रहे ईनाम।
दिलाया शुचि स्वतंत्रता धाम।
दिलाया शुचि स्वतंत्रता धाम।।

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