Wednesday, August 31, 2016

शेष ज़िन्दगी

शेष ज़िन्दगी कर दी हमने, इस धरती को दान|
हमें तो लिखने हैं सहगान||
हमें तो लिखने हैं सहगान|||
हम हैं सबके सभी हमारे, बच्चों जैसे लगते प्यारे|
हमें भरोसा है युवकों पर, सभी बनेगे ज्योतित तारे||
सबसे उज्ज्वल में होगी, भारत की पहचान|
हमें तो लिखने हैं सहगान||
हमें तो लिखने हैं सहगान|||
नहीं रहेगी दूषित भाषा, पूरी होगी उर अभिलाषा|
सदा सुनाते ही जायेंगे, मानवता पोषक परिभाषा||
लिया स्वतः संकल्प करेंगे, जनजीवन आसान| 
हमें तो लिखने हैं सहगान||
हमें तो लिखने हैं सहगान|||
कमजोरों को नहीं रुलाना, दीन-हीन को पास बुलाना,
यही सूत्र है संरचना का, कभी इल्म को नहीं भुलाना|| 
परिवर्तन के लिए जरूरी, ज्ञान युक्त विज्ञान| 
हमें तो लिखने हैं सहगान||
हमें तो लिखने हैं सहगान|||

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