Tuesday, April 4, 2017

लोकतन्त्र के ढाँचे में

******************गीत******************
पानी में आग लगाने की, वह ठेकेदारी करते हैं|
संरक्षक बनके रक्षण की, खुद दावेदारी करते हैं||

छल जोड़े कंधे से कंधा, करने को लूट-पाट धंधा|
वैभवशाली इस दुनियाँ के, आकर्षण में झूमें अंधा||
घर लाखों लगे महकने वे, जो थानेदारी करते हैं|
संरक्षक बनके रक्षण की, खुद दावेदारी करते हैं||

बाजारवाद का डंडा है, बस अर्थ कमाना फंडा है,
कानून अमीरों की शोभा, अपनाये हर हथकंडा है|
पूँजीपति नेताओं के सँग, अब हिस्सेदारी करते हैं||
संरक्षक बनके रक्षण की, खुद दावेदारी करते हैं||

जनता को मूर्ख बनाना है, सच्चाई को दफ़नाना है|
शुचि लोकतन्त्र के ढाँचे में, सामंतवाद अपनाना है||
ठग रूढ़िवाद के तंत्रों की, नित पहरेदारी करते हैं|
संरक्षक बनके रक्षण की, खुद दावेदारी करते हैं||

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