Monday, February 4, 2013

एक घनाक्षरी छंद ,
विश्व में जहाँ कहीं हों उग्रवादियों के ठौर ,
   शांति हेतु उनकी तबाही होनी चाहिए |
मौत के गिरोहों के विरुद्ध न्याय केंद्र बीच,
   बेहिचक खुलके गवाही होनी चाहिए ||
राष्ट्र के हितार्थ स्वार्थभाव को बिसार नित्य ,
   वीर बाँकुरों की वाह-वाही  होनी चाहिए |
जातिवाद-वर्गवाद-क्षेत्र-संप्रदाय हीन ,
   न्याय,नीति,युक्त लोकशाही होनी चाहिए ||

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