बिना संकोच दो पल वे चले जाते सताते हैं|
किसी के याद में सपने घने आते सताते है||
सुनाऊ दर्द की ज्वाला बताओ कौन समझेगा,
यहाँ के लोग वैभव की कथा गाते सताते हैं|
हमेशा पास जो रहते जिन्होंने दोस्त माना वे,
व्यवस्था से प्रताड़ित मित्र के नाते सताते है|
गरीबी की महामारी किये है चुप गरीबों को ,
मगर धनवान को भी बैंक के खाते सताते हैं|
जिन्हें सूरत किसी की खींच अपनी ओर लेती हो,
उन्हें सीरत नहीं बस अंग प्रिय भाते सताते हैं|
कभी नजदीक आने के लिए जो यत्न करते थे,
सुना है वे 'तुका' को आँख दिखलाते सताते हैं|
किसी के याद में सपने घने आते सताते है||
सुनाऊ दर्द की ज्वाला बताओ कौन समझेगा,
यहाँ के लोग वैभव की कथा गाते सताते हैं|
हमेशा पास जो रहते जिन्होंने दोस्त माना वे,
व्यवस्था से प्रताड़ित मित्र के नाते सताते है|
गरीबी की महामारी किये है चुप गरीबों को ,
मगर धनवान को भी बैंक के खाते सताते हैं|
जिन्हें सूरत किसी की खींच अपनी ओर लेती हो,
उन्हें सीरत नहीं बस अंग प्रिय भाते सताते हैं|
कभी नजदीक आने के लिए जो यत्न करते थे,
सुना है वे 'तुका' को आँख दिखलाते सताते हैं|
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