एक गीत सर्जनात्मक विश्वास:-
'भा' का अर्थ भव्य प्रतिभा है, रत अविरल अभ्यास|
यही है सर्जक का विश्वास||
यही है सर्जक का विश्वास|||
ज्ञानार्जन के लिए साधना, मानवीयता की उपासना,
विश्व हितैषी सद्विचार से, व्यक्त करें शुचि मनोभावना|
कवि परमार्थ उपायों द्वारा, दल सकते संत्रास|
यही है सर्जक का विश्वास||
यही है सर्जक का विश्वास|||
लोभ लालसा को विसारना, सर्वोदय चिंतन उभारना,
सदुपदेश देने से पहले, कथनी-करनी पर विचारना|
विषम परिस्थितियों में होना, किंचित नहीं निराश|
यही है सर्जक का विश्वास||
यही है सर्जक का विश्वास|||
चित्त-वृत्ति शैली सँवारना, भूल-चूक अपनी सुधारना,
बुद्धि विवेक मुक्त बंधन से, अंतर की शुचिता पसारना|
युग प्रबोध के हित अर्पित है, जीवन -काव्य -प्रकाश|
यही है सर्जक का विश्वास||
यही है सर्जक का विश्वास|||
'भा' का अर्थ भव्य प्रतिभा है, रत अविरल अभ्यास|
यही है सर्जक का विश्वास||
यही है सर्जक का विश्वास|||
ज्ञानार्जन के लिए साधना, मानवीयता की उपासना,
विश्व हितैषी सद्विचार से, व्यक्त करें शुचि मनोभावना|
कवि परमार्थ उपायों द्वारा, दल सकते संत्रास|
यही है सर्जक का विश्वास||
यही है सर्जक का विश्वास|||
लोभ लालसा को विसारना, सर्वोदय चिंतन उभारना,
सदुपदेश देने से पहले, कथनी-करनी पर विचारना|
विषम परिस्थितियों में होना, किंचित नहीं निराश|
यही है सर्जक का विश्वास||
यही है सर्जक का विश्वास|||
चित्त-वृत्ति शैली सँवारना, भूल-चूक अपनी सुधारना,
बुद्धि विवेक मुक्त बंधन से, अंतर की शुचिता पसारना|
युग प्रबोध के हित अर्पित है, जीवन -काव्य -प्रकाश|
यही है सर्जक का विश्वास||
यही है सर्जक का विश्वास|||
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