Saturday, February 25, 2012

लक्ष्य पाने के लिए , करना सतत संघर्ष है |
सत्य पथ का पथिक तो ,अपना स्वतः आदर्श है||

जो हरे पर पीर को, माना गया वह ज्येष्ठ हैं|
भौतिकी उपलब्धियों से ,ज्ञान का पथ श्रेष्ठ है||
स्नेह के व्यवहार से , मिलता अपरिमित हर्ष है|
सत्य पथ का पथिक तो ,अपना स्वतः आदर्श है||

साधना की ज़िन्दगी, निर्दोष करती दृष्टि है|
उन्नति-पतन गमनागमन,परहितैषी सृष्टि है|
शोध से मिलता उचित , हर प्रश्न का निष्कर्ष है|
सत्य पथ का पथिक तो ,अपना स्वतः आदर्श है||

फूल शूलों संग में , रहते रहे हैं सर्वथा |
किन्तु वे कहते नहीं , किंचित कभी अपनी व्यथा||
इसलिए उनमें समाया , अत्यधिक आकर्ष है |
सत्य पथ का पथिक तो ,अपना स्वतः आदर्श है||

No comments:

Post a Comment