व्यथित कभी करते नहीं,हमें पश्चिमी रोग|
सत्य-ज्ञान के मूल हैं,हम भारत के लोग ||
कर्म हमारा धर्म है,मर्म शील सहयोग |
जियें तपस्वी ज़िन्दगी,हम भारत के लोग||
सर्वोदयी विकास के, नये-नये उद्द्योग|
नित्य लगाते आ रहे,हम भारत के लोग||
जीवन मूल्य पर्राथ हैं,भले लगें न भोग|
त्याग भावना से भरे,हम भारत के लोग||
चलना अपनी ज़िन्दगी,फलना बढ़ना योग|
नदियों वृक्षों भांति हैं,हम भारत के लोग||
साम्य भाव से जी रहे,प्रिय! संयोग-वियोग|
शत्रु भावना से परे , हम भारत के लोग ||
भलीभांति हैं जानते,माटी का उपयोग |
तर्क-ज्ञान के मीत हैं,हम भारत के लोग||
सत्य-ज्ञान के मूल हैं,हम भारत के लोग ||
कर्म हमारा धर्म है,मर्म शील सहयोग |
जियें तपस्वी ज़िन्दगी,हम भारत के लोग||
सर्वोदयी विकास के, नये-नये उद्द्योग|
नित्य लगाते आ रहे,हम भारत के लोग||
जीवन मूल्य पर्राथ हैं,भले लगें न भोग|
त्याग भावना से भरे,हम भारत के लोग||
चलना अपनी ज़िन्दगी,फलना बढ़ना योग|
नदियों वृक्षों भांति हैं,हम भारत के लोग||
साम्य भाव से जी रहे,प्रिय! संयोग-वियोग|
शत्रु भावना से परे , हम भारत के लोग ||
भलीभांति हैं जानते,माटी का उपयोग |
तर्क-ज्ञान के मीत हैं,हम भारत के लोग||
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