Monday, April 2, 2012

व्यथित कभी करते नहीं,हमें पश्चिमी रोग|
सत्य-ज्ञान के मूल हैं,हम भारत के लोग ||

कर्म हमारा धर्म है,मर्म शील सहयोग |
जियें तपस्वी ज़िन्दगी,हम भारत के लोग||

सर्वोदयी विकास के, नये-नये उद्द्योग|
नित्य लगाते आ रहे,हम भारत के लोग||

जीवन मूल्य पर्राथ हैं,भले लगें न भोग|
त्याग भावना से भरे,हम भारत के लोग||

चलना अपनी ज़िन्दगी,फलना बढ़ना योग|
नदियों वृक्षों भांति हैं,हम भारत के लोग||

साम्य भाव से जी रहे,प्रिय! संयोग-वियोग|
शत्रु भावना से परे , हम भारत के लोग ||

भलीभांति हैं जानते,माटी का उपयोग |
तर्क-ज्ञान के मीत हैं,हम भारत के लोग||

No comments:

Post a Comment