Monday, April 16, 2012

लोकतंत्र हुड़दंग नहीं है,लोकतंत्र बदरंग नहीं|
लोक व्यवस्था के जीवन में,मान्य बंधुओ! जंग नहीं||

अपने आप सभी को रहना, अनुशासित होता है|
नागरिकों से चित्र राष्ट्र का,परिभाषित होता है||
देश भक्त वे नहीं कि जिनमें,जन सेवार्थ उमंग नहीं|
लोक व्यवस्था के जीवन में,मान्य बंधुओ! जंग नहीं||

लोकतंत्र में मानवता का ,पथ अपनाया जाता|
भेद-भाव को त्याग,सत्य,शिव,सुन्दर गाया जाता||
वैज्ञानिक चिंतन बढ़ता है,रहता अंतर तंग नहीं|
लोकतंत्र हुड़दंग नहीं है,लोकतंत्र बदरंग नहीं|
लोक व्यवस्था के जीवन में,मान्य बंधुओ! जंग नहीं||

सबको लोकहितैषी विधि से,निर्णय लेने होते|
नागरिकों के सभी स्वत्व भी,उनको देने होते||
अपने कटु विरोधियों का भी,तज सकते हैं संग नहीं| 
लोक व्यवस्था के जीवन में,मान्य बंधुओ! जंग नहीं||

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