Saturday, April 14, 2012

अगर साथ में नहीं रहेंगे,थोड़े बहुत गुलाम|
रँगीली कैसे होगी शाम?
रँगीली कैसे होगी शाम?

हिम-से उज्ज्वल परिधानों की,श्री वैभव के संतानों की,
... जय-जयकार किया करते जो,विज्ञापन के अभियानों की|
अगर उन्हें भी नहीं मिलेंगे,सिंहासन सुखधाम|
रँगीली कैसे होगी शाम?
रँगीली कैसे होगी शाम?

भूल रहे कुछ भैया-भैया,लगे बाप से बड़ा रुपैया,
विद्वानों से अधिक मान्यता,यहाँ पा रहे ढोंग मचैया|
लेन -देन करने वालों के,हो न सके यदि काम|
रँगीली कैसे होगी शाम?
रँगीली कैसे होगी शाम?

जिन्हें नहीं प्रिय ठेकेदारी,बँटवारे की साझेदारी,
साँस स्वतंत्र न लेने देंगे,उन्हें आधुनिक ठग व्यापारी|
सरेआम यदि नहीं चलेंगे,उनके नकली दाम|
रँगीली कैसे होगी शाम?
रँगीली कैसे होगी शाम?

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