भारतवर्ष खिलौना नहीं जो कोई यह सोचे कि:-
मेरा मुन्ना रूठ जाएगा उसे खिलौना देना है|
चुप करने के लिए उसे तो अद्धा-पौना देना है||
इस सोच का प्रतिफल इस रचना में देखें :-
खा पीकर बच्चों को केवल सोना होता है,
मन चाही चीजों के खातिर रोना होता है|
बूढ़े भी तो कभी बालकों भाँति जिद्द करते,
क्योंकि उन्हें इस वक्त नहीं कुछ खोना होता है|
बालक बूढों की करतूतों के परिणाम सभी,
युवक-युवतियों को जीवन भर ढोना होता है|
जिन कन्धों पर जुआ राष्ट्र रचना का रक्खा हो,
उन्हें देखना एक आँख से हर कोना होता है|
सर्जन हेतु परिश्रम साहस बुद्धि साथ देती,
जादू होता है ना कुछ भी टोना होता है |
सामाजिक जीवन में जाने के पहले समझो,
सबको अपने हाथों अपना मुँह धोना होता है|
भेद-भाव से 'तुकाराम' कुछ बात नहीं बनती,
कृषकों को फसलें सब के हित बोना होता है|
मेरा मुन्ना रूठ जाएगा उसे खिलौना देना है|
चुप करने के लिए उसे तो अद्धा-पौना देना है||
इस सोच का प्रतिफल इस रचना में देखें :-
खा पीकर बच्चों को केवल सोना होता है,
मन चाही चीजों के खातिर रोना होता है|
बूढ़े भी तो कभी बालकों भाँति जिद्द करते,
क्योंकि उन्हें इस वक्त नहीं कुछ खोना होता है|
बालक बूढों की करतूतों के परिणाम सभी,
युवक-युवतियों को जीवन भर ढोना होता है|
जिन कन्धों पर जुआ राष्ट्र रचना का रक्खा हो,
उन्हें देखना एक आँख से हर कोना होता है|
सर्जन हेतु परिश्रम साहस बुद्धि साथ देती,
जादू होता है ना कुछ भी टोना होता है |
सामाजिक जीवन में जाने के पहले समझो,
सबको अपने हाथों अपना मुँह धोना होता है|
भेद-भाव से 'तुकाराम' कुछ बात नहीं बनती,
कृषकों को फसलें सब के हित बोना होता है|
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