नयी रौशनी मित्र गाँवों शहर में|
प्रगती देखनी मित्र गाँवों शहर में||
बजह कौन-सी है पता कुछ करें क्यों,
गयी शेरनी मित्र गाँवों शहर में|
न खुद से किसी ने पूछा किसे अब,
ठगी सीखनी मित्र गाँवों शहर में|
नये दौर में भी उपेक्षित रही क्यों,
यहाँ भीलनी मित्र गाँवों शहर में|
सभी भोग जिसका करें स्नेह से वो,
फसल रोपनी मित्र गाँवों शहर में|
कहो कौन-सा आज तूफ़ान आया,
थमी लेखनी मित्र गाँवों शहर में|
पढ़ाई 'तुका' जा रही आज भी क्यों,
घृणित जीवनी मित्र गाँवों शहर में?
प्रगती देखनी मित्र गाँवों शहर में||
बजह कौन-सी है पता कुछ करें क्यों,
गयी शेरनी मित्र गाँवों शहर में|
न खुद से किसी ने पूछा किसे अब,
ठगी सीखनी मित्र गाँवों शहर में|
नये दौर में भी उपेक्षित रही क्यों,
यहाँ भीलनी मित्र गाँवों शहर में|
सभी भोग जिसका करें स्नेह से वो,
फसल रोपनी मित्र गाँवों शहर में|
कहो कौन-सा आज तूफ़ान आया,
थमी लेखनी मित्र गाँवों शहर में|
पढ़ाई 'तुका' जा रही आज भी क्यों,
घृणित जीवनी मित्र गाँवों शहर में?
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