Friday, March 9, 2012

क्यों बढ़ता सम्मान है,क्यों घटता है मान|
विदित जिसे यह हो गया,वह इंसान महान?

किये गये अपराध का, सदा भोगिये दंड |
मिले दया से जो क्षमा,वह है सजा प्रचंड ||
भय विहीन कर लीजिये,पहले अपने प्राण|
फिर सोचो किस योग से,होगा जन कल्याण||

कविता का उद्देश्य हो,जन-मन का उत्थान|
मंगलकारी बन सके,भू पर हर इंसान ||

धरती पर्वत घाटियाँ,वन पठार मैदान |
अति दोहन से खो रहे,नैसर्गिक पहचान||

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