Friday, March 9, 2012

राजनेता शासक, सरकार चलाने के लिए प्रशासकों को आदेशित करता है। प्रशासक सरकार के आदेशानुसार संवैधानिक दायरे में अपने अधीन विभागीय कर्मचारियों से आदेशों का क्रियान्वयन कराते हैं।जनता कभी -कभी इन आदेशों के क्रियान्वयन की प्रणाली से व्यथित होती है। इस व्यथा से बचने  में भ्रष्टाचार आ जाता है। भ्रष्टाचार विरोधी संघ जो सामान्यतः सामान्य नागरिक हैं उनकी मान्यता है कि अधिकांश अधिकारी और राजनेता भ्रष्ट हैं। वे संगठित होकर जनता को लूट रहे हैं और इस लूट से बचने के लिए स्वतंत्र लोकपाल की मांग कर रहे हैं।जनता का पक्ष है कि राष्ट्र के मालिक हम हैं।सरकार को  हमने बनाया है प्रशासक सरकार के नौकरशाह हैं इस प्रकार हम दोनों के स्वामी हैं।
सरकार और प्रशासक संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार राष्ट्रीय संपत्ति और नागरिकों की सुरक्षा उनके अधिकारों  के रक्षार्थ उत्तरदायी है वही व्यवस्था करती है।
सम्प्रति मूल प्रश्न भ्रष्टाचारियों का है  सरकार और जनता का नहीं। भ्रष्ट सरकार में भी हैं और जनता में भी हैं। जनता  सरकार के भ्रष्टाचारियों को इंगित करती हैं और प्रशासक जनता के भ्रष्टाचारियों को पकड़ते हैं।
राजनेता जो सत्ता पक्ष के हैं वह प्रशासक और जनता दोनों में सामंजस्य बैठाने की कोशिश करते हैं जो विपक्ष में हैं वे सरकार पर आरोप लगाते हैं और जब विपक्षी सत्ता पक्ष में पहुँच जाते हैं तो वे भी यही करने लगते हैं और समस्या ज्यों कि त्यों बनी रहती है।
चूकि मूल समस्या है सुधार कैसे हो और सुप्रशासन कैसे चले इसके लिए केवल और केवल एक ही मार्ग है वह है सदाचरण और सदाचरण परिवार से  ही प्रारम्भ  होगा सदाचरण शिक्षा संस्थानों से ही विकसित हो सकेगा और नवीन पीढ़ी ही यह कर सकेगी इसलिए अब आवश्यकता है कि जितनी जल्दी नव पीढ़ी को आगे बढ़ाया जाय उतनी ही तेजी से हम सफल लोकतंत्र की और बढ़ सकेंगे और जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में अपेक्षित प्रगति कर सकेंगे।     

अभी-अभी सूचना आई है कि युवा राजनीतिज्ञ श्री अखिलेश यादव को समाजवादी विधायक दल ने अपने नेता के रूप में चयनित कर लिया और अब वह उत्तर प्रदेश के मुख-मंत्री होने जा रहे हैं|।उत्तर प्रदेश के लिए यह अत्यंत हर्ष का विषय है । युवा राजनीति का दौर प्रारम्भ  हो चुका है|ऐसा होने से कुछ न कुछ अनेक समस्यायें स्वतः कम होने जा रही  हैं जाति -धर्म आधारित भेद-भाव ,चरणचापी व्यवहार,रूढ़ीवादी आचरण,मिनी मुख्यमत्रियों का चलन,और सबसे परिवर्तन कानून-व्यवस्था का सुचारू पालन।युवा मानसिकता की एक और बहुत अच्छी सोच होती है कि वह किसी को भूखा नहीं देख सकता शायद प्रदेश से इस बीमारी का अंत हो सकेगा और चुनावी घोषणापत्र के अनेक वायदे पूर्ण हो सकें इसी कामना के साथ प्रदेश की नई गठित होने वाली सरकार को अनेकानेक बधाई ।
 

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