Saturday, March 10, 2012

कौन आज भी साथ खड़ा है,कौन हो गया दूर?
बताओ किसका रहा कसूर?
बताओ किसका रहा कसूर?

सुबह -शाम क्या तुम्हें हमेशा,देवी-सा जपते थे|
नग्न वदन जाड़े में भीगे,गर्मी में तपते थे ||
बहता रहा पसीना अविरल,रक्त बहा भरपूर |
बताओ किसका रहा कसूर?
बताओ किसका रहा कसूर?

अपना कभी न दर्द सुनाया,कभी न तुमने जाना|
सुविधाओं की बात नहीं है,मिला न ठौर ठिकाना||
फिर भी रहे निभाते खुल के ,बुनियादी दस्तूर|
बताओ किसका रहा कसूर?
बताओ किसका रहा कसूर?

इधर-उधर से जो आ टपके ,वे सिर ऊपर बैठे|
खूब किया बरदाश्त मगर वे,रहे बराबर ऐठे||
मौका पाकर किया उन्होंने, कैसा चकनाचूर?
बताओ किसका रहा कसूर?
बताओ किसका रहा कसूर?

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