Friday, March 30, 2012

लोकतंत्र हुडदंग नहीं है , लोकतंत्र बदरंग नहीं|
लोक व्यवस्था के जीवन में,मान्य बंधुओ! जंग नहीं||

अपने आप सभी को रहना अनुशासित होता है,
नागरिकों से चित्र राष्ट्र का परिभाषित होता है|
देश भक्त वे नहीं कि जिनमें,जन सेवार्थ उमंग नहीं|
लोक व्यवस्था के जीवन में,मान्य बंधुओ! जंग नहीं||

लोकतंत्र में मानवता को आगे लाया जाता,
भेद-भाव को त्याग स्नेह समता स्वर गाया जाता|
वैज्ञानिक चिंतन बढ़ता है,रहता अंतर तंग नहीं|
लोक व्यवस्था के जीवन में,मान्य बंधुओ! जंग नहीं||

सबको लोकहितैषी विधि से निर्णय लेने होते,
नागरिकों के सभी स्वत्व भी,उनको देने होते|
अपने कटु विरोधियों का भी, तज सकते है संग नहीं| 
लोक व्यवस्था के जीवन में,मान्य बंधुओ! जंग नहीं||

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