Tuesday, March 20, 2012

दीन हीनों से जिन्हें रिश्ता निभाना आ गया,
लोकशाही में उन्हें जीवन वितान आ गया |

आज सत्ता के शिखर को प्राप्त कर सकता वही,
सत्य के पथ से जिसे आँखें चुराना आ गया |

लोग जो परमेश की दिनरात करते वंदना,
क्यों उन्हें हँसते हुए बच्चे रुलाना आ गया?

आधुनिक युग में उसे नायक बताया जा रहा,
सज्जनों ऊपर जिसे रुतबा ज़माना आ गया|

ध्यान रखिये वो ह्रदय बेहद विकल होगा जिसे,
शासकों के साथ में हँसना-हँसाना आ गया |

हो सके तो उस भले इंसान को सम्मान दो,
जिस किसी को टूटते अंतर मिलाना आ गया|

वह 'तुका' इस भूमि को माँ की तरह अपनाएगा,
जन्म लेने का जिसे प्रिय! ऋण चुकाना आ गया|

No comments:

Post a Comment