Tuesday, August 11, 2020

काव्य कर्म ने प्रश्न किया

 

काव्य कर्म ने प्रश्न किया हैं, कवि को क्या कहना है|
अनुचर बनकर चलना है, या अगुवा -सा रहना है||
 
कहिये किसके अभिनन्दन के, हेतु फड़कती बाहें,
धार्मिक रूढ़िवादिता अथवा, मानवता की राहें|
निर्णय करिए किस धारा की, ओर किसे बहना है|
अनुचर बनकर चलना है, या अगुवा -सा रहना है||
 
सत्य तथ्य अभिव्यक्ति हेतु जब, सुलभ नहीं आज़ादी,
तो यह कैसे कहें जी रही, मुक्त रूप से खादी|
लोकतंत्र सामंतवाद में, किसका कर गहना है|
अनुचर बनकर चलना है, या अगुवा -सा रहना है||
 
अर्थतंत्र की चाटुकारिता, जिसके स्वर में आई,
उसको कलमकार कहना क्या, समुचित होगा भाई|
वातावरण बदलना है या, जो है वो सहना है|
अनुचर बनकर चलना है, या अगुवा -सा रहना है||

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