Thursday, August 13, 2020

जीवन सफ़र

 

जिसे हर हाल में जीवन सफ़र मालूम होता है,
उसे तो झेलना कितना कहर मालूम होता है।

किसी की धमकियों से चीटियां डरकर नहीं जीती,
उन्हें अपनी सुरक्षा का हुनर मालूम होता है।

वही सद्कार्य करता राजनेता राष्ट्र के हित में,
जिसे निज गांव घर कस्बा शहर मालूम होता है।

बड़ा इंसां उसे माना सदा जाता रहा जग में,
जिसे अपनी तरह ही हर बसर मालूम होता है।

समर्पित हो चुका जो शायरी की शान में उसको,

बदलता है समय कब किस कदर मालूम होता है|

सहज इंसानियत का दर्द जिसमें गूँजता रहता,
तुका उस शायरी का कुछ असर मालूम होता है।

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