Thursday, August 20, 2020

संविधान

 

संविधान के साथ जिन्हें है, जन-गण-मन से प्यार, 
उन्हें हम कर सकते स्वीकार|
उन्हें हम कर सकते स्वीकार|| 

जो गरीब के साथ चलेंगे, जो अभाव के हाथ बनेंगे,
जनसत्ता उनकी होगी जो, नवसर्जन के पाथ रचेंगे|
हम हैं सबके सभी हमारे , जिनका यह व्यवहार,
उन्हें हम कर सकते स्वीकार|
उन्हें हम कर सकते स्वीकार|| 

जो अत्याचारों को छोड़ें, भ्रष्ट जनों से जो मुँह मोड़ें,
बैर बढ़ाने वाले जो भी, किले खड़े हैं उनको तोड़ें|
जो अज्ञान अशिक्षा जड़ता, तजने को तैयार,
उन्हें हम कर सकते स्वीकार|
उन्हें हम कर सकते स्वीकार|| 

जो भारत को समझें अपना, लोकतन्त्र हित सीखें तपना,
अपने और और के हित में, अलग नहीं जो रखते नपना|
वैधानिक अनुशासन में जो, करें कार्य व्यापार,
उन्हें हम कर सकते स्वीकार|
उन्हें हम कर सकते स्वीकार||

अपना मत सज्जन को देंगे, बदले में कुछ कभी न लेंगे,
यह उदघोष यही स्वर कवि का, राष्ट्र्हितैषी गीत रचेंगे|
जो जीवन में पंचशील को, करते अंगीकार, 
उन्हें हम कर सकते स्वीकार|
उन्हें हम कर सकते स्वीकार|| |63

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