राजनीति को किया जिन्होंने, पग-पग पर बदनाम,
लगायें उनपर पूर्णविराम|
लगायें उनपर पूर्णविराम||
जन-गन-मन को केवल गाया, उसे नहीं अपनाया,
हम हैं एक एक भारत को, अब तक नहीं बनाया|
जो समाज में फैलाये हैं, जाति-धर्म संग्राम,
लगायें उनपर पूर्णविराम|
लगायें उनपर पूर्णविराम||
हमें सजगता अपनानी है, दुख से मत घबरायें,
अनय अविद्या अनाचार को, यथाशीघ्र दफनायें|
मानवता को रौंद रहे हैं, जो साजिश के धाम,
लगायें उनपर पूर्णविराम|
लगायें उनपर पूर्णविराम||
सोलहवाँ चुनाव है आया, रूढ़िवाद बौराया,
लोकतंत्र के क्रूर शत्रु ने, भीषण ध्वंस मचाया|
वोट शक्ति से अर्थशक्ति का, करके काम तमाम,
लगायें उनपर पूर्णविराम|
लगायें उनपर पूर्णविराम||217
No comments:
Post a Comment