सच्चे जन पर दोष
लगाया जाता है,
दोषी को निर्दोष बताया जाता है।
सत्ता का बाजार नहीं
घाटा देता,
मनमाफिक लाभांश कमाया जाता है।
जिसको गोड़ा और नहीं
बोया जाता,
वो पकी फस्ल का खेत कटाया जाता है।
मुर्दों को तो मालपुआ
बांटे जाते,
भूखे मुंह से कौर छिनाया जाता है।
मजबूरी की बात नहीं
मसलहतन ही,
हत्यारों का साथ निभाया जाता है।
इनके गुण्डे उनके
गुण्डे अपने हों,
टिकट दिलाकर उन्हें जिताया जाता है।
राजनीति की नीति यही
बेहिचक तुका,
दुश्मन को भी दोस्त बनाया जाता है।
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